Saturday 14 March 2020

अजीनोमोटो क्या है

अजीनोमोटो

सफेद रंग का चमकीला सा दिखने वाला  एम एस जी  मोनोसोडि़यम ग्‍लूटामेट यानि अजीनोमोटो, एक सोडियम साल्‍ट है।

अगर आप चाइनीज़ डिश के दीवाने हैं तो यह आपको उसमें जरूर मिल जाएगा क्‍योंकि यह एक मसाले के रूप में उनमें इस्‍तमाल किया जाता है।

शायद ही आपको पता हो कि यह खाने का स्‍वाद बढ़ाने वाला मसाला वास्तव में यह धीमा जहर खाने का स्वाद नहीं बढ़ाता बल्कि हमारी स्वाद ग्रन्थियों के कार्य को दबा देता है जिससे हमें खाने के बुरे स्वाद का पता नहीं लगता। मूलतः इस का प्रयोग खाद्य की घटिया गुणवत्ता को छिपाने के लिए किया जाता है। यह सेहत के लिए भी अत्यधिक खतरनाक होता है।

जान लें कि कैसे-

* सिर दर्द, पसीना आना और चक्‍कर आने जैसी खतरनाक बीमारी आपको अजीनोमोटो से हो सकती है। अगर आप इसके आदि हो चुके हैं और खाने में इसको बहुत प्रयोग करते हैं तो यह आपके दिमाग को भी नुकसान कर सकता है।

* इसको खाने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। चेहरे की सूजन और त्‍वचा में खिंचाव महसूस होना इसके कुछ साइड इफेक्‍ट हो सकते हैं।

* इसका ज्‍यादा प्रयोग से धीरे धीरे सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्‍कत और आलस भी पैदा कर सकता है। इससे सर्दी-जुखाम और थकान भी महसूस होती है। इसमें पाये जाने वाले एसिड सामग्रियों की वजह से यह पेट और गले में जलन भी पैदा कर सकता है।

* पेट के निचले भाग में दर्द, उल्‍टी आना और डायरिया इसके आम दुष्प्रभावों में से एक हैं।

* अजीनोमोटो आपके पैरों की मासपेशियों और घुटनों में दर्द पैदा कर सकता है। यह हड्डियों को कमज़ोर और शरीर द्वारा जितना भी कैल्‍शिम लिया गया हो, उसे कम कर देता है।

* उच्च रक्तचाप की समस्‍या से घिरे लोगों को यह बिल्‍कुल नहीं खाना चाहिए क्‍योंकि इससे अचानक ब्‍लड प्रेशर बढ़ और घट जाता है।

* व्‍यक्तियों को इससे माइग्रेन होने की समस्‍या भी हो सकती है। आपके सिर में दर्द पैदा हो रहा है तो उसे तुरंत ही खाना बंद कर दें।

* अजीनोमोटो की उत्पादन प्रक्रिया भी विवादास्पद है : कहा जाता है कि इसका उत्पादन जानवरों के शरीर से प्राप्त सामग्री से भी किया जा सकता है।

*अजीनोमोटो बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है। इसके कारण स्कूल जाने वाले ज्यादातर बच्चे सिरदर्द के शिकार हो रहे हैं। भोजन में एमएसजी का इस्तेमाल या प्रतिदिन एमएसजी युक्त जंकफूड और प्रोसेस्ड फूड का असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है।
कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि एमएसजी युक्त डाइट बच्चों में मोटापे की समस्या का एक कारण है। इसके अलावा यह बच्चों को भोजन के प्रति अंतिसंवेदनशील बना सकता है। मसलन, एमएसजी युक्त भोजन अधिक खाने के बाद हो सकता है कि बच्चे को किसी दूसरी डाइट से एलर्जी हो जाए।
इसके अलावा, यह बच्चों के व्यवहार से संबंधित समस्याओं का भी एक कारण है।

छिपा हो सकता है अजीनोमोटो

अब पूरी दुनिया में मैगी नूडल बच्चे बड़े सभी चाव से खाते हैं, इस मैगी में जो राज की बात है वो है
Hydrolyzed groundnut protein
और
स्वाद वर्धक 635 Disodium ribonucleotides
यह कम्पनी यह दावा करती है कि इसमें अजीनोमोटो यानि MSG नहीं डाला गया है।
जबकि Hydrolyzed groundnut protein पकने के बाद अजीनोमोटो यानि MSG में बदल जाता है
और Disodium ribonucleotides इसमें मदद करता है।

च्यवनप्राश में 67% चीनी होती है

क्या आप जानते हैं कि च्यवनप्राश में दो तिहाई यानि 67% सिर्फ चीनी होती है.

15 ग्राम डाबर च्यवनप्राश में  10 ग्राम चीनी है.
15 ग्राम डाबर च्यवनप्राश में  10 ग्राम चीनी है.

10 ग्राम पतन्जलि च्यवनप्राश में  6.73 ग्राम चीनी है.

और सुगर फ्री च्यवनप्राश में चीनी के स्थान पर सिर्फ आंवले का गूदा डाल कर वजन पूरा किया जाता है. इसमें 85% या इससे अधिक सिर्फआंवला होता है.
डाबर शुगरफ्री च्यवनप्राश पर लिखा है कि यह बच्चों के लिए नहीं है।
इसमें नकली मिठास के लिए सूकरालोज़ नामक रसायन डाला हुआ है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।